जानकारी प्रप्त होने के बाद भगवान बद्रीनाथ के निमित यथाशक्ति दान किजिये   जानकारी प्रप्त होने के बाद भगवान बद्रीनाथ के निमित यथाशक्ति दान किजिये
बद्रीनाथ मंदिर कपाट 10 मई 2019 को खुलेंगे    केदारनाथ मंदिर कपाट 09 मई 2019 को खुलेंगे    गंगोत्री मंदिर कपाट 07 मई 2019 को खुलेंगे   यमुनोत्री मंदिर कपाट 07 मई 2019 को खुलेंगे  

सिन्धं व पजांब क्षेत्र की पुरोहिती का विवरण व इतिहास

पं॰ बालमुकुन्द महाराज व उनके सुपुत्र पं॰ नाथुराम महाराज जी की शिक्षा लाहौर पाकिस्तान से हुई है। क्योंकि पण्डिताई का आंवटित क्षेत्र सिन्ध व पंजाब था तो अधिकतर समय इसी क्षेत्र में गुजरा श्री बद्रीनाथ धाम में पट छः माह की अवधि (मई से नवम्बर) तक खुलते है। तो बाकी छः माह सारे पण्डे अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण करते है। और हिन्दू वैश्णव धर्म का प्रचार व अध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करते है। भारत पाकिस्तान विभाजन के समय पं॰ नाथुराम महाराज के सुपुत्र पं॰ सन्तलाल महाराज ने पणडावृत्ति का बुरा समय देखा है। सिन्धी व पंजाबी लोंग अपनी सम्पन्नता और

गोरव की खोकर अपमान का जीव जीने के लिए मजबुर हुए और अपने भारत वर्श के विभिन्न शहरो में बस गए। लेकिन अपनी मेहनत और संघर्श से पुनः एक बार फिर अपने परचम को लहराया। आज भारत वर्श में हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी से देश को सिन्धी व पंजाबी लोगों ने समृद्ध किया है। ये लोग बहुत आस्तिक होते है और महमानों का बहुत आदर करते है। यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है।

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